कड़कनाथ पालें, लाखों में खेलें
इस दौर में कड़कनाथ(Kadaknath, also called Kali Masi) पालना आसान हो गया है। आप कड़कनाथ पाल कर अपनी आर्थिक हालत सुधार सकते हैं, महीने में हजारों कमा सकते हैं। कहते हैं, मूंछें हों तो नत्थूलाल की तरह वरना ना हो। इसे थोड़ा बदल लें तो कह सकते हैं कि मुर्गा खाना है, तो कड़कनाथ खाओ, वरना ना खाओ। दरअसल, कड़कनाथ ने पूरे मार्केट को हिला कर रख दिया है। यह मुर्गे की एक ऐसी प्रजाति है, जिसने पूरे बिजनेस मॉडल को बदल कर रख दिया है। इसकी कीमत तो ज्यादा है ही, पर जो स्वाद है, उसका क्या कहना। आप कड़कनाथ का मीट खाएं और बकरे का मटन, मुकाबला टक्कर का रहेगा।
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कई रोगों में लाभकारी
कड़कनाथ का महत्व इसलिए ज्यादा हो चला है, क्योंकि मेडिकल साइंस ने भी इसके मीट को अप्रूव किया है। कहा जाता है, कि अगर आपको हाई बीपी है, शुगर है, कमजोरी है और मन मिचलाता है, तो कड़कनाथ का मीट आपको फायदा करेगा। ऐसा कई लोगों का कहना है, कि कड़कनाथ का मीट खाने के बाद उनका बीपी, शुगर आदि कंट्रोल में रहता है। अब इसमें कितनी सच्चाई है, ये तो वही बता सकते हैं जो इसे खाते हैं। लेकिन, इसकी बढ़ती डिमांड यही इंगित करती है कि मुर्गे में दम है।
धोनी भी पाल रहे हैं कड़कनाथ
मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने भी अपने फार्म हाउस में कड़कनाथ रखा है। पहले 100 चूजे लाए गए थे, अब इनकी संख्या सैकड़ों में हो गई है। कड़कनाथ का स्वाद ऐसा है, कि धोनी के फार्महाउस पर लोग लाइन लगाए रहते हैं कड़कनाथ के लिए और उन्हें पता चलता है माल खत्म हो गया है। दरअसल, इसके मीट का टेस्ट ही ऐसा है।
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रेट थोड़ा ज्यादा है
कड़कनाथ का रेट थोड़ा ज्यादा है, यह प्रति मुर्गा 1000 से 1600 रुपये तक बिकता है। अमूमन एक मुर्गा 900 ग्राम से लेकर 1500 ग्राम तक का होता है। उसी के हिसाब से इसका रेट वैरी करता है, आम तौर पर अगर आप देसी मुर्गा भी खाते हैं, तो उसका रेट 400 से 500 रुपये प्रति किलो है। वैसे, कॉकरेल आपको 300 रुपये प्रति किलो भी मिल जाएगा और बॉयलर 140 से 150 रुपये प्रति किलो पर, जो टेस्ट कड़कनाथ का है, उसका कोई जवाब नहीं।
कैसे पहचानें कड़कनाथ को
कड़कनाथ का खून, मीट सब काला होता है, इसकी ब्रीड पूरी तरह काली है। अगर कोई कड़कनाथ कह कर आपको लाल खून वाला मुर्गा दे रहा है तो सतर्क रहें।
कैसे करें कड़कनाथ का पालन
कड़कनाथ को पालना थोड़ा कठिन है, पहले तो आप मन बना लें कि कड़कनाथ ही पालना है। जब मन बन जाए तो मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़ चले जाएं, वहां इसके चूजे आपको ठीक रेट पर मिल जाएंगे। चूजों को कैसे 30 दिनों तक रखना है, इसकी बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती है। उसे बहुत ध्यान से देखें फिर, चूजा लाने के पहले ट्रेनिंग में बताए गए तरीके से ही आप पोल्ट्री फार्म बनाएं।
कड़कनाथ (Kadaknath; Kali Masi)
ध्यान रखें, कड़कनाथ की ब्रीड को खुला पसंद है, इसलिए अगर आप ठीक-ठाक जमीन वाले हैं, आपके पास खुली जमीन है तो उसे ही इस्तेमाल करें। शुरुआती निवेश अगर आप 50000 रुपये से भी करते हैं, तो काम ठीक-ठाक चल निकलेगा। इसमें चूजों का दाना-पानी आ जाएगा, बढ़ते वक्त के साथ आपको ज्यादा निवेश करने की जरूरत पड़ेगी। उसके लिए आप बैंकों से भी संपर्क कर सकते हैं। बहुत कम इंट्रेस्ट रेट पर आपको आसानी से मुर्गापालन के लिए कोई भी बैंक लोन दे देगी।
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विभिन्न राज्य सरकारें मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं की शुरुआत की हैं। इससे किसानों के द्वारा स्थानीय स्तर पर मुर्गी पालन (पोल्ट्री फार्मिंग, Poultry farming)या कुक्कुट पालन(kukkut paalan) का व्यवसाय पिछले एक दशक में काफी तेजी से बढ़ा है।